कब है रोहिणी व्रत और जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व
रोहिणी व्रत
-- भारत अनेक धर्मो और त्योहारो से भरा हुआ देस है और बहुत से शुभ दिनों से भरा हुआ है। और ऐसा ही एक आने वाला शुभ दिन रोहिणी व्रत है। जो मुख्य रूप से जैन धर्म की महिलाओ के द्वारा मनाया जाता है। जो की अपने पति की भलाई और लम्बी उम्र के लिए प्राथना करती है।
-- ये व्रत हर 27 दिनों में एक बार होता है, जब रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय के बाद आकाश में उगता है। जैन धर्म के लोगो के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। यह मई 31, 2022 मंगलवार को मनाया जाएगा
रोहिणी व्रत पूजा विधि
-- महिलाओ को इस दिन ब्रह्मा मुहूर्त में जल्दी स्नान करना चाहिए।
-- जैन भगवान वासुपूज्य की मूर्ति के साथ एक वेदी स्थापित करे।
-- फल, धूप और प्रसाद चढ़ाकर पूजा की जाती है।
-- कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ भी किया जाता है।
-- बुरे व्यवहार और हुई गलतियो के लिए प्रार्थन की जाती है।
-- रोहिणी नक्षत्र के आकाश में प्रकट होने के बाद व्रत शुरू होता है।
-- मृगशिरा नक्षत्र के आकाश में उदय होने पर व्रत समाप्त हो जाता है।
-- गरीबो और जरुरतमंदो को दान दिया जाता है।
-- रोहिणी नक्षत्र आमतौर पर तीन , पांच या सात साल के लिए मनाया जाता है। पांच साल और पांच महीने उपवास की उचित अवधि मानी जाती है
-- रोहिणी व्रत का समापन उद्यापन से करना चाहिए।
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