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12 राशियों के रोग, रत्न और रुद्राक्ष द्वारा सम्पूर्ण उपाय

प्राचीन हिन्दू ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की राशि उसके जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है चाहे वह स्वास्थ्य हो, धन, सफलता या मानसिक शांति। ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव हमारे शरीर के विभिन्न अंगों तथा ऊर्जा-चक्रों पर असर डालता है। इन्हीं दोषों और असंतुलन को ठीक करने के लिए रत्न (Gemstones) और रुद्राक्ष (Rudraksha) धारण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।


रुद्राक्ष भगवान शिव का आशीर्वाद स्वरूप है, जो व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर, मन और शरीर को संतुलित करता है। वहीं रत्न ग्रहों की शक्ति को सक्रिय करते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। जब रत्न और रुद्राक्ष व्यक्ति की राशि के अनुसार पहने जाते हैं, तो उनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।


🌞 मेष राशि (Aries)

रुद्राक्ष: 3 मुखी, 6 मुखी, 12 मुखी
रत्न: मूंगा, माणिक्य, पुखराज

रोग/उपाय:
मेष राशि के जातकों में ऊर्जा अधिक होती है, लेकिन क्रोध और रक्त-संबंधी विकार (जैसे ब्लड प्रेशर, माइग्रेन, या हार्मोनल असंतुलन) देखने को मिलते हैं।
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मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शरीर में रक्त का संतुलन बना रहता है और मानसिक शांति मिलती है।
मूंगा और माणिक्य ग्रह मंगल को मजबूत करते हैं जिससे आत्मविश्वास और निर्णय-क्षमता बढ़ती है।
पुखराज धारण करने से स्वास्थ्य में सुधार और जीवन में स्थिरता आती है।


🌿 वृषभ राशि (Taurus)

रुद्राक्ष: 6 मुखी, 4 मुखी, 9 मुखी, 10 मुखी
रत्न: हीरा, माणिक्य

रोग/उपाय:
वृषभ राशि के लोगों को गले, आँखों और थायराइड से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य लाभ के लिए अत्यंत शुभ है और शुक्र ग्रह को सुदृढ़ बनाता है।
हीरा धारण करने से आर्थिक स्थिति सुधरती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
माणिक्य आत्मविश्वास और नेतृत्व गुण को बढ़ाता है।


🌸 मिथुन राशि (Gemini)

रुद्राक्ष: 4 मुखी, 6 मुखी, 8 मुखी
रत्न: पन्ना, नीलम

रोग/उपाय:
मिथुन राशि के लोगों में मानसिक अस्थिरता, चिंता, और तंत्रिका संबंधी रोग देखने को मिलते हैं।
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मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बुध ग्रह मजबूत होता है, जिससे संवाद क्षमता और निर्णय शक्ति में वृद्धि होती है।
पन्ना धारण करने से एकाग्रता बढ़ती है और बुद्धि तीक्ष्ण होती है।
नीलम जीवन में स्थिरता और सफलता प्रदान करता है।


🌕 कर्क राशि (Cancer)

रुद्राक्ष: 2 मुखी, 8 मुखी, 11 मुखी
रत्न: मोती, पन्ना

रोग/उपाय:
कर्क राशि चंद्रमा द्वारा संचालित होती है, इसलिए भावनात्मक असंतुलन, पेट के रोग और नींद की समस्या आम होती है।
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मुखी रुद्राक्ष चंद्रमा को संतुलित करता है और दांपत्य जीवन में सुख-शांति लाता है।
मोती धारण करने से मन की शांति और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त होती है।
पन्ना बुद्धि और तर्क शक्ति को बढ़ाता है।


🦁 सिंह राशि (Leo)

रुद्राक्ष: 12 मुखी, 3 मुखी, 5 मुखी
रत्न: माणिक्य, पुखराज

रोग/उपाय:
सिंह राशि के जातक प्रायः हृदय, त्वचा और आँखों के रोगों से ग्रसित हो सकते हैं।
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मुखी रुद्राक्ष सूर्य देव का प्रतीक है, जो आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है।
माणिक्य धारण करने से हृदय मजबूत होता है और आर्थिक पक्ष सशक्त होता है।
पुखराज मानसिक स्थिरता और सम्मान प्राप्ति में सहायक है।


🌼 कन्या राशि (Virgo)

रुद्राक्ष: 4 मुखी, 6 मुखी, 10 मुखी, 12 मुखी
रत्न: पन्ना, नीलम

रोग/उपाय:
कन्या राशि के लोगों को पेट, त्वचा और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
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मुखी रुद्राक्ष हर क्षेत्र में सफलता देता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है।
पन्ना बुध ग्रह को मजबूत कर आर्थिक लाभ देता है।
नीलम आत्मविश्वास और कार्यक्षमता को सुदृढ़ करता है।


⚖️ तुला राशि (Libra)

रुद्राक्ष: 6 मुखी, 2 मुखी, 8 मुखी, 12 मुखी
रत्न: हीरा, नीलम

रोग/उपाय:
तुला राशि के लोगों में शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
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मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह को बल देता है, जिससे स्वास्थ्य और सफलता मिलती है।
हीरा प्रेम और आकर्षण बढ़ाता है, जबकि नीलम जीवन में स्थिरता देता है।


🦂 वृश्चिक राशि (Scorpio)

रुद्राक्ष: 3 मुखी, 1 मुखी, 5 मुखी, 7 मुखी, 11 मुखी
रत्न: मूंगा, नीलम

रोग/उपाय:
वृश्चिक राशि वाले जातक जल्दी क्रोधित होते हैं और पेट या रक्त से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित रहते हैं।
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मुखी रुद्राक्ष से व्यक्तित्व में निखार आता है और पाचन तंत्र मजबूत होता है।
मूंगा मंगल ग्रह को सुदृढ़ करता है और जीवन में ऊर्जा का संचार करता है।
नीलम विपरीत परिस्थितियों में भी साहस देता है।


🏹 धनु राशि (Sagittarius)

रुद्राक्ष: 5 मुखी, 1 मुखी, 9 मुखी, 12 मुखी
रत्न: पुखराज, मूंगा

रोग/उपाय:
धनु राशि के जातकों को लीवर, जांघ और तंत्रिका संबंधी रोग हो सकते हैं।
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मुखी रुद्राक्ष से भाग्य बलवान होता है और सामाजिक सम्मान मिलता है।
पुखराज गुरु ग्रह को मजबूत करता है जिससे ज्ञान और स्वास्थ्य दोनों में वृद्धि होती है।
मूंगा साहस और आत्मबल प्रदान करता है।


🐐 मकर राशि (Capricorn)

रुद्राक्ष: 7 मुखी, 2 मुखी, 8 मुखी, 10 मुखी, 11 मुखी
रत्न: नीलम, हीरा

रोग/उपाय:
मकर राशि वाले जातक हड्डियों, जोड़ो और पैरों से जुड़ी बीमारियों का सामना करते हैं।
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मुखी रुद्राक्ष शनि ग्रह को शांत करता है और आर्थिक लाभ देता है।
नीलम धारण करने से हड्डियाँ मज़बूत होती हैं और मानसिक स्थिरता आती है।
हीरा आकर्षण और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।


🌊 कुम्भ राशि (Aquarius)

रुद्राक्ष: 8 मुखी रुद्राक्ष
रत्न: नीलम, फिरोजा, नीला लाजवर्त

रोग/उपाय:
कुम्भ राशि के लोगों में पैरों और हड्डियों से जुड़ी बीमारियाँ अधिक देखी जाती हैं।
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मुखी रुद्राक्ष राहु के दोष को दूर करता है और शारीरिक बल देता है।
नीलम, फिरोजा और लाजवर्त धारण करने से हड्डियाँ मज़बूत होती हैं और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।


🐠 मीन राशि (Pisces)

रुद्राक्ष: 5 मुखी
रत्न: पुखराज, सुनैला, पीला ओपल

रोग/उपाय:
मीन राशि के लोगों को पेट, छाती, स्नायु तंत्र, और हृदय संबंधी रोग परेशान कर सकते हैं।
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मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शरीर की ऊर्जा संतुलित होती है।
पुखराज और पीला ओपल गुरु ग्रह को मजबूत कर स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

विशेष उपाय:
पुखराज को साफ पानी में उबालकर उसका पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
इसमें कॉपर, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं जो खून में रासायनिक क्रिया कर स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं।


🕉रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • रुद्राक्ष को सोमवार या सोमवार के बाद के किसी शुभ दिन पर धारण करना चाहिए।
  • इसे गले, कलाई या हृदय के पास पहनना शुभ माना गया है।
  • कलाई में 12 दाने, गले में 36 और हृदय पर 108 दानों की माला पहननी चाहिए।
  • रुद्राक्ष धारण करने से पहले "ॐ नमः शिवाय" या संबंधित बीज मंत्र का जप अवश्य करें।
  • धारण के समय शुद्ध मन, स्नान और शिव का ध्यान करें।

रुद्राक्ष न केवल रोगों से राहत देता है बल्कि यह शरीर की ऊर्जा को संतुलित कर मन को स्थिरता और आत्मबल प्रदान करता है।


🔮 राशि, रत्न और रुद्राक्ष के लाभ

  1. मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि
  2. रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार
  3. आर्थिक प्रगति और सम्मान प्राप्ति
  4. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
  5. ग्रह दोष और वास्तु दोषों का निवारण

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