भारत में दीपावली का पर्व पाँच दिनों तक मनाया जाता है — और इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। यह दिन सिर्फ खरीदारी या सोना-चाँदी लेने का ही नहीं, बल्कि धन, आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना का प्रतीक है।
धनतेरस को “धन्वंतरि त्रयोदशी” भी कहा जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था, जो आयुर्वेद के देवता और भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
🌟 धनतेरस का महत्व
धनतेरस का अर्थ है — “धन” यानी समृद्धि और “तेरस” यानी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि।
इस दिन लक्ष्मी माँ, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति पूजा करता है, वह पूरे वर्ष धन-धान्य से संपन्न रहता है और उसके घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
🪔 धनतेरस की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत कलश निकला, तब भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत का घड़ा लेकर प्रकट हुए।
इसी कारण इस दिन को धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
कहते हैं कि इस दिन भगवान धन्वंतरि की आराधना करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है और रोग दूर होते हैं।
एक अन्य कथा के अनुसार, राजा हिमराज के पुत्र की मृत्यु का योग था। लेकिन उसकी पत्नी यम की पूजा कर दीयों की रोशनी में पूरी रात जागती रही।
यमराज उस दिन उसे लेने नहीं आए और तब से यह दिन “यमदीपदान” के रूप में भी मनाया जाने लगा।
🛍️ धनतेरस पर खरीदारी का महत्व
धनतेरस पर सोना, चाँदी, बर्तन, वाहन या इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।
माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी नया आरंभ पूरे साल सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
कई लोग इस दिन नई गाड़ियाँ, प्रॉपर्टी या व्यापार की शुरुआत भी करते हैं।
अगर बजट छोटा भी हो, तो तांबे या स्टील का बर्तन, या दीपक खरीदना शुभ होता है।
मुख्य भाव यह नहीं कि कितना बड़ा ख़रीदा जाए, बल्कि यह कि शुभ भावना और आस्था के साथ खरीदा जाए।
🏡 धनतेरस की पूजा विधि
धनतेरस के दिन शाम को घर की सफाई और सजावट की जाती है।
मुख्य द्वार पर रंगोली और दीपक जलाए जाते हैं।
फिर धन्वंतरि भगवान, लक्ष्मी माता और कुबेर देव की पूजा की जाती है।
पूजा विधि:
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पूर्व दिशा में भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र रखें।
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उनके आगे दीपक जलाएँ, तिलक करें और पुष्प अर्पित करें।
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धन्वंतरि स्तोत्र या लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।
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पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य मिलकर दीप जलाएँ — इसे यमदीपदान कहा जाता है।
🌿 स्वास्थ्य से जुड़ा आयुर्वेदिक महत्व
धनतेरस का संबंध सिर्फ धन से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और आयुर्वेद से भी है।
भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक कहा जाता है।
इस दिन कई लोग आयुर्वेदिक औषधियाँ, हर्बल उत्पाद या तांबे के बर्तन खरीदते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि असली धन सिर्फ पैसा नहीं — बल्कि स्वस्थ शरीर और लंबी आयु भी जीवन की सच्ची समृद्धि है।
🌼 धनतेरस और आधुनिक जीवन
आज के युग में लोग धनतेरस को सेल्स, ऑफर्स और ई-कॉमर्स डिस्काउंट्स से जोड़कर देखते हैं।
लेकिन असली उद्देश्य यह है कि हम अपनी मेहनत का फल याद रखें और जीवन में कृतज्ञता (gratitude) महसूस करें।
घर में दीप जलाना सिर्फ सजावट नहीं — बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश, और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है।
💖 धनतेरस का संदेश
धनतेरस हमें सिखाता है कि:
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सच्चा धन हमारा स्वास्थ्य और परिवार का सुख है।
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आस्था और दान का भाव ही जीवन को सुंदर बनाता है।
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दीप जलाने का अर्थ है अपने भीतर ज्ञान का प्रकाश जगाना।
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